कोविड सेंटर ताला:भिंड में कोविड की नहीं हो रही सेम्पलिंग, प्रदेश में बढ़ रही मरीजों की संख्या
कोविड सेंटर में टाला
मध्य प्रदेश में कोविड के मरीजों की संख्या में भले ही इजाफा हो रहा है। ग्वालियर से लेकर मुरैना तक में कोविड के नए मरीज मिल चुके हैं। परंतु भिंड जिले का स्वास्थ्य विभाग कोविड को लेकर बेफिक्र है। यहां कोविड संबंधी कोई जांच नहीं होती है। भिंड जिला अस्पताल के कोविड जांच केंद्र पर लंबे समय से ताला है। यहां जो स्टाफ तैनात किया गया था उसकी छुट्टी कर दी गई है।
भिंड में कोविड जांच के हालात जानने के लिए दैनिक भास्कर की टीम जिला अस्पताल पहुंची। यहां कोविड केयर सेंटर पर ताला पड़ा मिला। कोविड सेंटर में कोई मरीज नहीं था ना ही मेडिकल स्टाफ। जब इस संबंध में चिकित्सालय में स्टाफ से जानकारी ली गई तो कैमरे के सामने कोई बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ। स्टाफ का हर सदस्य के यह कहता दिखा कि कोविड के समय जिन लोगों की भर्ती की गई थी। उन लोगों की छुट्टी हो गई है। स्वास्थ्य सेवाएं बंद होने पर सेंटर पर भी ताला लटकने लगा है। ऐसे में अब उन लोगों को जांच के लिए भटकना होगा जो लोग कोविड जैसे लक्ष्णों से पीड़ित है। ऐसे मरीजों को चिकित्सक बिना जांच किए है लक्षणों के आधार पर सामान्य दवा देकर चलता कर देते हैं।
बारी-बारी से पूरा स्टाफ हटाया
कोविड की पहली और दूसरी लहर में भिंड में स्वास्थ्य विभाग ने 20 चिकित्सक और 52 नर्सिंग स्टाफ को रखा गया। कोविड की तीसरी लहर दिसंबर से लेकर जनवरी-फरवरी तक रही। इसके बाद जैसे ही कोविड के पैर थमे धीरे-धीरे पैरामेडिकल स्टाफ फिर चिकित्सकों को बाहर का रास्ता दिखा गया। दो महीने पहले 32 पैरा मेडिकल स्टाफ के सदस्य व 13 चिकित्सकों की स्वास्थ्य विभाग द्वारा छुट्टी कर दी गई। ऐसी स्थिति में कोविड सेंटर पर ताला पड़ गया।
क्या कहते CMHO डॉ. एसके व्यास
मैंने अभी पदभार ग्रहण किया है। कोविड बीमारी की गंभीरता को समझा रहा हूं। जल्द ही कोविड की जांच शुरू कराई जाएगी। अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों पर लैब टेक्नीशियन तैनात हे। उनकी ड्यूटी जांच में लगाई जाएगी। पूरे मामले में वरिष्ठ अफसरों से मार्गदर्शन मांगा है। पूर्व में तैनात स्टाफ को हटाए जाने की वजह से जांच बंद हुई। परंतु जल्द जांच शुरू कराई जाएगी।
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